Blockchain क्या है कैसे काम करता है _ 1

Blockchain technology क्या है कैसे काम करता है क्रिप्टोकरेंसी हर वक्त अपने किसी ना किसी coin के कारण सुर्खियों में रहता है Bitcoin दुनिया की पहली क्रिप्टोकरेंसी है ऐसे बहुत से आदमी है जो Bitcoin की बदौलत करोड़पती बने है लेकिन क्या आप जानते है Bitcoin के पीछे किस टेक्नोलॉजी का हाथ है अगर आप इस टेक्नोलॉजी के बारे में जानना चाहते है

इसे समझना चाहते है तो इस पोस्ट को आप अंत तक जरूर पढ़िएगा क्युकी आज की पोस्ट में हम Blockchain Technology क्या है कैसे काम करती है क्या हमारा future इस पर निर्भर करता है चलिए समझते है Blockchain technology क्या है ?

ब्लॉकचैन क्या है ? ( Blockchain Kya hai ) 

ब्लॉकचैन एक नई तरह की तकनीक है जिसके अंदर डिजिटल ट्रांसक्शन और डिजिटल वॉलेटस के रिकॉर्ड को रखा जाता है सभी ट्रांसक्शन के रिकॉर्ड को ब्लॉकचैन से बने ब्लॉक में सुरक्षित रखा जाता है यह ब्लॉक क्रिप्टोग्राफ़िक के द्वारा बनाई जाती है हर एक नए ब्लॉक के पास पिछले ब्लॉक का एक क्रिप्टोग्राफ़िक HASH है यह HASH हर एक ट्रांसक्शन पर जनरेट होता है Blockchain में डाटा इतना ज्यादा सुरक्षित होता है की इस डाटा को हैक कर पाना नामुमकिन है क्युकी इस डाटा का कोई एक मालिक/Head नहीं है यह डाटा पुरे ब्लॉकचैन में थोड़ा थोड़ा हर कंप्यूटर में विद्यमान है

अगर कोई हैकर इस डाटा को हैक करने की कोसिस भी करेगा तो उसे उन सभी कम्प्यूटर्स को हैक करना पड़ेगा जिन जिन में वो डाटा विद्यमान है ब्लॉकचैन में एक बार डाटा का ब्लॉक बनने के बाद में उसमें बदलाव करना नामुमकिन है

ब्लॉकचैन को सरल भाषा में Digital Ledger भी कहा जाता है ब्लॉकचैन के द्वारा क्रिप्टोकरेंसी के सभी कार्य पूर्ण किये जाते है ब्लॉकचैन के द्वारा सबसे पहले बनाये जाने वाली क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin थी Experts के अनुसार, ब्लॉकचैन पर आने वाले समय में इंटरनेट के सभी कार्य किये जायेंगे.

Blockchain कैसे काम करता है

ब्लॉकचैन अर्थात ब्लॉक से ब्लॉक को एक chain में स्थापित करना इन्ही छोटे छोटे blocks के समूह को Blockchain, कहा जाता है इन सभी ब्लॉक्स के द्वारा एक बहुत बढ़ी chain बनती है जो क्रिप्टोग्राफ़िक के द्वारा बनाई जाती है हरेक ब्लॉक की सरंचना में उसकी ट्रांसक्शन की सभी डिटेल्स शामिल होती है

इसके Metadata को ब्लॉक में संग्रह किया जाता है हर एक header में HASH कार्य करता है ज़ब भी नया ब्लॉक बनता तो हर ट्रांसक्शन के साथ एक नया HASH create होता है Blockchain में ब्लॉक के heading function ही ब्लॉक को चयनित करने का काम करते है जिसके द्वारा एक सम्पूर्ण blockchain बनती है

इसे “Blockchain” ही क्यों कहा जाता है

ब्लॉकचैन के बारे में जानने के बाद अपने मन में यह सवाल तो आ रहा होगा की इसे blockchain ही क्यों कहा जाता है क्युकी दोस्तों Blockchain में डाटा को हर एक ब्लॉक में स्टोर किया जाता है एक ब्लॉक के पूरा भरने के बाद में दूसरा ब्लॉक त्यार किया जाता है

यह इन सभी ब्लॉक्स को एक chain में जोड़ने का कार्य करता है ब्लॉकचैन पर स्टोर डाटा इतना Secure बनता है की एक बार डाटा की ब्लॉक में Entry होने बाद उसके बाद आये ब्लॉक्स को बदले बिना उसमें कुछ भी बदलाव करना असम्भव है हरेक ब्लॉक में वह डाटा होता है जिसे वह रिकॉर्ड कर रहा होता है

Blockchain
ब्लॉकचैन

यह Blockchain ऐसी ब्लॉक्स की chain है जिनमें इनफार्मेशन मौजूद है हर एक नए ब्लॉक के पास पिछले ब्लॉक का एक क्रिप्टोग्राफ़िक HASH है यह HASH हर एक ट्रांसक्शन पर जनरेट होता है HASH Numbers / Letters की string होती है यह HASH ऐसा कनेक्शन है जो Letters/Numbers के input को एक fix Lenth के encrypted Output में change करती है

लेकिन अगर ट्रांसक्शन में थोड़ा भी बदलाव किया जाये तो एक नया HASH बन जाता है यानी अगर कोई भी ब्लॉकचैन के डाटा के साथ छेड छाड़ करता है तो उस से उसकी सारी settings खराब हो जाती है इसलिए ब्लॉकचैन पर उपलब्ध डाटा को हैक कर पाना नामुमकिन हो जाता है और अगर कोई डाटा के साथ छेड छाड़ करता है तो उसका पता बिलकुल आसानी से लगाया जा सकता है हर एक ब्लॉक का आपस में जुड़ाव है जिसके कारण इस नई तकनीक को ब्लॉकचैन कहा जाता है

Blockchain के संस्थापक कौन है

यह technology सबसे पहले 1991 में Staurt Haber और W. Scott Stornetta के द्वारा सामने लायी गयी थी 2008 में इस technology को Bitcoin क्रिप्टोकरेंसी के द्वारा Satoshi Nakamoto ने प्रकाशित किया Satoshi Nakamoto Crypto Bitcoin के जरिये Blockchain को लोगो के सामने लाना चाहते थे जिस से कोई भी third party, जैसे Goverment या अन्य कोई भी इनके पैसे को मॉनिटर ना कर सके यह तकनीक लोगो को उनके पैसे कण्ट्रोल करने में मदद करता है

लेकिन ज़ब दुनिया Satoshi Nakamoto के बारे में जानना चाहती थी तो अचनाक से खबर आती है की इस नाम का कोई इंसान ही मौजूद नहीं है Searchteam से पता चलता है की इस तकनीक के पीछे Open Source Software है Satoshi Nakamoto के होने की कोई डोस जानकारी नहीं मिल पायी इसलिए बहुत से लोग उसे सिर्फ काल्पनिक मानने लग गए

लेकिन Bitcoin लोगो की जुबान पर था यह एक ऐसा अविष्कार था जो बिना किसी trusted central authority या central server की मदद के हर Double spending problem को हल कर सकता था इसीलिए blockchain तकनीक बहुत सी एप्लीकेशन का Inspiration भी रहा

Types Of Blockchain

आमतौर पर blockchain के बहुत सारी भाग है लेकिन सभी varients मुख्य रूप से 2 भागो में ही आते है

Public Blockchain :

ये Consortium ब्लॉकचैन है जहाँ कुछ pre-selected numbers के nodes को ही ledger का इस्तमाल करने के लिए Authorized किया जाता है यह किसी को भी देखने और ट्रांसक्शन send करने का अवसर देता है ज़ब तक वो इस consensus process का हिस्सा है

Private Blockchain :

Public ब्लॉकचैन के विपरीत यह ब्लॉकचैन किसी भी Distributed ledger में restriction डालता है जो भी employees उस organization के group में काम करते है वो भी restriction होते है

Blockchain का भविष्य

दोस्तों Blockchain के बारे में इतनी जानकारी जानने के बाद अब तो आप यह समझ ही चुके होंगे की यह हमारी भविष्य में किस तरह से मदद कर सकता है आपने Web 3.0 और Metaverse के बारे में तो जरूर सुना ही होगा Web 3.0 Metaverse क्रिप्टोकरेंसी का सारा Concept ब्लॉकचैन पर नर्भर करता है क्रिप्टोकरेंसी की तरह आकर्षित होते हुए युवाओ को तो आप देख ही रहे हो

आज के समय में बेसक ब्लॉकचैन को ज्यादा महत्व नहीं दिया जा रहा है लेकिन Experts के अनुसार, आने वाले समय में ब्लॉकचैन को इंटरनेट की दुनिया में काफी ज्यादा महत्व दिया जायेगा जिस तरह से Web 2.0 को समझने में लोगो को काफी समय लग गया था

ठीक बिलकुल उसी तरह से Blockchain को भी समझने में थोड़ा समय लगेगा लेकिन उसके बाद सब कुछ normal हो जायेगा हर चीज काफी ज्यादा आसान लगने लगेंगे और आने वाले समय में हर कोई Blockchain का इस्तमाल करता दिखाई देगा

Advantage Of Bkockchain Technology

इसके द्वारा virtual transaction को भी व्यक्ति अपने कंप्यूटर पर कर सकता है

Blockchain की सहायता से इंडस्ट्रियल कार्यप्रनाली को और भी ज्यादा सुरक्षित बनाया जा सकता है

Blockchain पर मौजूद किसी भी तरह के डाटा को हैक कर पाना नामुमकिन है

Bitcoin जैसी crypto का इस्तमाल कोई भी आम व्यक्तिबिना किसी सरकारी रूकावट के कर सकता है यह सब Blockchain के बाद ही संभव हो पाया है

Blockchain की सहायता से Cyber-Crime को रोका जा सकता है

इस तकनीक से डिजिटल लेजर बनाया जा सकता है

Conclusion

आज की पोस्ट में हमने ब्लॉकचैन के बारे में जानकारी प्राप्त की है इस पोस्ट में हमने जाना ब्लॉकचैन क्या है कैसे काम करता है इस तकनीक को ब्लॉकचैन ही क्यों कहा जाता है अगर आपको उपयुक्त जानकारी अच्छी लगी हो तो पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ share जरूर करना और ऐसी ही Knowledgeable पोस्ट के लिए हमें फॉलो जरूर करे.

मैं Securehindi का founder हूँ मैं BCA का student हूँ इसीलिए मैं इस ब्लॉग के माध्यम से हर भारतीय तक इन्वेस्टमेंट, ब्लॉकचैन, Crypto, की जानकारी को हिंदी मैं पहुंचना चाहता हूँ अगर आप इन सब के बारे में जानने के लिए इच्छुक है तो हमें अभी फॉलो करे

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