Earn With Crypto की सीरीज का यह Part-3 है इसमें हम Crypto Staking के बारे में जानेंगे. जितने भी नए रीडर्स है उन्हें मै बता दू की हमने Earn with Crypto के नाम से एक सीरीज शुरू है जिसमें हम क्रिप्टोकरेंसी से कमाई करने के हर रास्ते के बारे में डिटेल में जानते है
इस सीरीज के 1st और 2nd भाग में हमने Crypto-Airdrop और Crypto Lending के बारे में जाना था अगर अपने वो पोस्ट नहीं पढ़ी तो आप लिंक पर क्लिक करके उन्हें भी पड़ सकते है.
आज के इस लेख में हम Crypto Staking क्या है यह कैसे काम करि है इस process को करने के लिए आप किन plateform का इस्तमाल कर सकते है इस process को करने के क्या फायदे और नुकसान है अगर आप भी Crypto Staking के बारे में सम्पूर्ण जानकारी जानना चाहते है तो लेख को अंत तक जरूर पढ़िएगा.
Crypto Staking क्या है
crypto Staking ऐसा process है जिसके जरिये हर crypto इन्वेस्टर अपनी crypto को किसी plateform पर एक समय अवधि के लिए होल्ड करके रिवॉर्ड पा सकते है जिसे crypto Staking कहा जाता है
अगर इसे हम और सिंपल तरिके से समझे तो मान लेते जैसे आपका बैंक आपको आपके सेविंग account में पैसे रखने का कुछ % interset देता है जितनी लम्बी अवधि के लिए आप अपने पैसे को बैंक के पास रखेंगे बैंक आपको उतने ही समय के लिए interset देगा.
ठीक उसी तरह जितने समय के लिए आप किसी plateform पर अपनी crypto को होल्ड या लॉक करके रखते है वह plateform आपको वही crypto interset के साथ एक समय के बाद लौटा देता है
ज़ब आप अपनी crypto को लॉक कर देते है तो ब्लॉकचैन के द्वारा आपको हर घंटे में रिवॉर्ड दिए जाते है
Crypto Staking काम कैसे करती है
crypto staking के बारे में तो आप जान ही चुके है लेकिन यह process काम कैसे करता है चलिए जानते है
Crypto staking को और अच्छे से समझने के लिए हम एक उदाहरण का सहारा लेंगे मान लेते है की आपके पास 10 बिटकॉइन है और आप उन्हें stake पर लगाना चाहते है तो आपको staking की website पर जाकर अपना वॉलेट कनेक्ट करके समय अवधित तय करने के बाद आप अपने 10 बिटकॉइन को stake पर लगा सकते है.
मान लीजिये की हमने 10 बिटकॉइन को 1 साल के लिए stake पर लगा दिया. तो 1 साल बाद हमें हमारा बिटकॉइन interset के साथ वापस मिलेगा interset rate अलग अलग crypto के अनुसार निर्धारित होता है
जितने ज्यादा crypto stake के लिए लगाए जाते है उतने ज्यादा आपको रिवॉर्ड मिलते है कम crypto वाले को कम रिवॉर्ड अंकित किये जाते है अगर आप crypto को stake कर रहे है तो आप ब्लॉकचैन को सपोर्ट कर रहे है क्युकी ब्लॉकचैन आपकी crypto का इस्तमाल करती है
crypto staking को करते दौरान आपके पास वो crypto मौजूद होनी चाहिए जिन्हे आप stake पर लगाना चाहते है crypto को stake पर लगाने का यह मतलब नहीं है की आप उस कॉइन के मालिक नहीं रहेंगे आप उस कॉइन के मालिक तो रहेंगे ही साथ में उस कॉइन को समय अवधि समाप्त होने के बाद निकाल भी सकते है
Crypto staking के बहुत सारे फायदे है आमतौर पर देखा जाये तो अगर आप normally crypto को होल्ड करके रखते है तो आपको sell करने पर ही शायद कुछ प्रॉफिट मिले लेकिन अगर आप अपनी crypto को staking पर लगाते है तो अपपनी क्रिप्टो को काम पर लगा रहे है अगर staking अच्छे से समझ आ रही है तो लेख को आगे पड़ते रहे.
Types of Staking
हम उम्मीद करते है अगर आप यहां तक आ आ गए है तो आप समझ ही गए होंगे की Staking क्या होती ही तो चलिए अब जानते है staking कितने प्रकार की होती है
. Proof of stake
यह बहुत पुराना process है जिसे शुरुवात से ही उपयोग में लाया जा रहा है इसमें जो stakers जितने ज्यादा समय के लिए crypto को stake करेगा उसे उतने ज्यादा ही रिवॉर्ड मिलेंगे.
. Delegated Proof of Stake
यह बिलकुल न्या process है इसे अभी हाल ही में इस्तमाल किया जाने लगा है यह process stakers को प्रतिनिधित्व को वोट देने का कार्य करता है जो भी प्रतिनिधि नेटवर्क को बनाये रखने में सहयोग करेगा प्रतिनिधि को उनके वोट के आधार पर रिवॉर्ड दिया जाता है यह सिस्टम बिलकुल अलग तरिके से काम करता है
Advantage or Disadvantage Of Staking :
crypto staking के बहुत से फायदे और नुक्सान है जिनके बारे में आपको Crypto staking से पहले जरूर जानना चाहिए.
Advantage
सबसे पहला फायदा crypto को stake करने का यही है की आपको आपकी crypto पर अच्छे रिवॉर्ड और interset मिल जाता है एक रिसर्च के अनुसार आपको staking के जरिये crypto पर सालना 18 से 20% तक का interset मिल जाता है
Staking से ब्लॉकचैन पर ट्रांसक्शन की speed को बढ़ाने में मदद मिलती है
Staking से आप ब्लॉकचैन नेटवर्क को सपोर्ट कर पाते है
Staking से आप क्रिप्टोकरेंसी से passive income generate कर सकते है
Disadvantage
crypto को Stake करने के बाद आप उस crypto उस crypto का इस्तमाल नहीं कर सकते
ज़ब आप crypto को stake करते है तो समय अवधि पूरी होने पर ही आपको वह crypto दी जाती है
बहुत सी crypto को Unstake करने के लिए काफी लम्बे समय का इन्तजार करना पड़ता है
Staking करते वक़्त किन किन बातो का ध्यान रखना चाहिए
आपको crypto staking के बारे में सम्पूर्ण जानकारी मिल चुकी है लेकिन अब भी कुछ बाते ऐसे है जिनका आपको Staking के वक़्त ध्यान रखना बेहद ही जरूरी है
- Crypto staking करते वक़्त सबसे पहले आपके पास एक वॉलेट होना बेहद ही आवशयक है
- Crypto Staking करते वक़्त आपको stake के लिए बहुत ही भरोसेमंद plateform चुनना चाहिए
- Staking पर लगाने के लिए सबसे बेहतर crypto का ही चुनाव करे
- जो crypto आपको ज्यादा interset दे सकती है उसी का चुनाव करे
Conclusion
आज के लेख में हमने जाना crypto staking क्या है crypto staking काम कैसे करती है crypto staking को करने के फायदे और हानियाँ क्या है इस लेख के जरिये आपको crypto staking के बारे में सम्पूर्ण जानकारी मिल गयी होंगी लेकिन अगर पहर ब्बि आपका कोई सवाल रहता है तो आप कमेंट के माध्यम से हमसे पूछ सकते है Earn with crypto के अगले part के लिए हमें follow जरूर कर ले