आज के समय में इंटरनेट पर यूजर अपने महत्वपूर्ण डाटा का आदान प्रदान करते है सभी यूजर के डाटा को सुरक्षित रखने के लिए cyber-Security का इस्तमाल किया जाता है। Cyber-Security दो शब्दो से मिलकर बना है। Cyber+Security .
इंटरनेट की इस दुनिया में दिनप्रतिदिन इंटरनेट यूजर की संख्या बढ़ती जा रही है। आज के समय में हर कोई आदमी अपना कीमती समय Social-Media पर बिता रहा है। और अपना हर जरूरी काम भी वह इंटरनेट की मदद से ही कर रहा है।
इंटरनेट ने लोगो की जिंदगी को बहुत ही ज्यादा आसान बना दिया है। टेक्नोलॉजी के इस युग में हर जगह पर कंप्यूटर और लैपटॉप के जरिये इंटरनेट का इस्तमाल किया जाता है।
इंटरनेट के जरिये हर व्यवसाय को काम करना पड़ता है फिर चाहे वो निजी हो या फिर सरकारी हो । और इसी के साथ साथ में इंटरनेट के जरिये ही पैसो का लेन – देन भी किया जाता है।
आज के समय में बहुत से ऐसे काम है जो इंटरनेट के जरिये ही संभव हो सकते है।
अगर आप अपने आस पास देखे तो आपको भी बहुत से इंटरनेट यूजर देखने को मिल जायँगे। जिनको छोटे से काम से लेकर बड़े काम भी इंटरनेट के जरिये ही करने पड़ते है
ऐसे में आपने यह भी देखा होगा की बहुत से यूजर के Account को हैक कर लिया जाता है या फिर उनके पर्सनल डाटा की चोरी हो जाती है। इन सब गतिविदियों को रोकने के लिए Cyber-Security का इस्तमाल किया जाता है।
Cyber-Secuity का इस्तमाल करने के से इंटरनेट यूजर के डाटा को सुरक्षित रखा जा सकता है। और उसके साथ होने वाले Scams को रोका जा सकता है।
तो यह Cyber-Security क्या है और इसका कैसे इस्तमाल किया जाता है ? क्या इस Filed के अंदर आप अपने Future बना सकते है ? तो आज की इस पोस्ट में हम इसी टॉपिक पर चर्चा करने वाले है ?
Introduction Cyber-Security
Cyber-Security दो शब्दो से मिलकर बना है Cyber+Security . Cyber शब्द का मतलब इनफार्मेशन, टेक्नोलॉजी, कंप्यूटर, नेटवर्क, अप्प्लिकशिन और हार्डवेयर या सॉफ्टवेयर से सम्बंधित है।
ठीक दूसरी तरफ Security का मतलब डाटा सिक्योर, इनफार्मेशन सिक्योर, एप्लीकेशन सिक्योरिटी, नेटवर्क सिक्योरिटी से है।
Cyber- Security की सहायता से हर व्यवसाय के डाटा को और भी ज्यादा सिक्योर किया जाता है ताकि वह किसी भी Scam का हिस्सा न बन सके। इंटरनेट की इस दुनिया में हर कोई बंदा इंटरनेट का इस्तमाल करता है
अपने डाटा का आदान- प्रदान भी इंटरनेट की मदद से करता है लेकिन उसके डाटा को को हैकर्स से बचाने के लिये Cyber-Security का इस्तमाल किया जाता है।
हैकर्स इंटरनेट की दुनिया के वो सिकंदर होते है जो किसी भी जगह पर बैठ बैठे किसी भी व्यक्ति की निजी जानकारी का फायदा उठा सकते है। और उस जानकारी का अपने फायदे के लिए इस्तमाल कर सकते है।
आप हर दिन देखते होंगे की कही न कही Cyber-Crime की घटना होती ही रहती है ऐसे में हैकर्स किसी फर्म के डाटा को चोरी करके या तो उनसे पैसे की मांग करते है या फिर उनके डाटा को किसी अन्य फर्म को ज्यादा पैसे में बेच देते है।
इस प्रकार के Cyber-Crime को रोकने के लिए Cyber-Security का इस्तमाल किया जाता है। ताकि कोई भी हैकर किसी के भी पर्सनल डाटा का गलत इस्तमाल न कर सके।
Cyber-Security Kaise kaam krti hai ?
अब तक तो आप यह जान ही चुके होंगे की Cyber-Security क्या होती है लेकिन अब हम जानेगे की Cyber-security काम कैसे करती है।
इंटरनेट के बढ़ते इस योग में हर आदमी Shopping से लेकर अपने पैसो का लेन देन भी इंटरनेट की मदद से करता है ऐसे में कही आपका डाटा को किसी प्रकार की कोई हानि न पहुंचे और कोई आपके डाटा को चोरी न कर पाए इसके लिए Cyber-security को बनाया गया है।
Cyber-Security में एक Ethical Hackers की बहुत ही बड़ी टीम होती है जो टीम में रहकर ही कार्य करते है और आपके डाटा को सिक्योर रखने के लिए एक डाटा सिक्योरिटी को एक्सेस करती है।
जिसकी मदद से आपका डाटा किसी भी हैकर के हाथ नहीं लग पता। आप सिक्योरिटी के साथ अपने डाटा का आदान- प्रदान कर पाते है।
Types Of Cyber Security
ऊपर की पोस्ट में हम जान चुके है की Cyber-Security क्या होती है और कैसे काम करती है इसके अलावा अब हम जानेगे की Cyber-Security कितने प्रकार की होती है।
Network access Control
Network Access Control जैसा की आपको नाम से ही पता चल रहा है यह किसी भी Unauthorized उपयोगकर्ता को डिवाइस नेटवर्क से बाहर रखने का कार्य करता है। इसके तहत यह तय किया जाता है
की किस उपयोगकर्ता को नेटवर्क का इस्तमाल करना है और किसको नहीं करना है। यह इस बात की संतुस्टि करती है की केवल वही व्यक्ति डिवाइस का इस्तमाल करे जिसे इसका इस्तमाल करने की अनुमति हो। बिना अनुमति के कोई भी व्यक्ति डिवाइस का इस्तमाल न कर पाए।
Application Security
इस प्रकिर्या के दौरान network में इस्तमाल की जा रही सभी एप्लीकेशन को एक Security पेनल से गुजरना पड़ता है। यदि उसमें किसी प्रकार की कोई खामी नहीं पाई जाती तो उसे नेटवर्क में शामिल कर लिया जाता है
यदि उसमें किसी भी प्रकार की कोई हानि पाई जाती है तो उसे उसी समय नेटवर्क से बाहर कर दिया जाता है। ताकि वो नेटवर्क को किसी प्रकार की कोई हानि न पहुचाये। इसके अंतरगर्त सभी प्रकार की एप्लीकेशन को शामिल किया जाता है
Network Security
आपको जैसे इसके नाम से ही पता चल रहा है की यूजर के नेटवर्क को सुरक्षित रखता है यह एक ऐसा पैनल होता है जो सिर्फ नेटवर्क के लिए सुरक्षित चीज़ो को ही नेटवर्क तक पहुंचने देता है यदि इसे लगता है
की किसी भी सॉफ्टवेयर में कोई भी खामी है तो यह उसे उसी समय वह रोक देता है। अगर आप कंप्यूटर का इस्तमाल करते है तो आपने कंप्यूटर Firewall का नाम तो जरूर सुना होगा यह सब इनके अंतरगर्त आता है।
Email Security
यह दोस्तों बड़े काम का पैनल है इंटरनेट यूजर Gmail का इस्तमाल तो करता ही है तो अपने Gmail का इस्तमाल करते वक़्त एक Spam नाम का फोल्डर जरूर देखा होगा।
जिसके अंदर कुछ Emails अपने आप चली जाती है। उन्हें Gmail बनाते टाइम बनाया जाता है बहुत से हैकर्स Emails Phising करते है की जैसे ही आप उनकी द्वारा भेजी हुई Email पर क्लिक करते है
तो आपके login password जैसी महत्वपूर्ण जानकारी हैकर के पास में चली जाती है। ऐसा न हो इसके लिए Gmail में Spam फोल्डर बनाया जाता है।
Antivirus Security
अगर आप कंप्यूटर या लैपटॉप का इस्तमाल करते है तो अपने भी जरूर इसका इस्तमाल तो किया ही होगा। क्युकी लैपटॉप और कंप्यूटर में हम हमारे बहुत से डॉक्यूमेंट को रखते है जिसकी सिक्योरिटी हमारी जिम्मेवारी होती है
जिसके लिए हम Antivirus का इस्तमाल करते है Antivirus हमारे डिवाइस को विभिन प्रकार के वायरस से बचाता है
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Types Of Cyber attacks
Trojan Horse
ट्रोज़न हॉर्स भी एक तरह का Cyber-Attack है यह अपने आप को एक हानिरहित सॉफ्टवेयर के रूप में यूजर को दर्शाता है। यह डिवाइस को अपने कण्ट्रोल में करके उसके अंदर की इनफार्मेशन को लीक कर देता है।
ट्रोजन अन्य वायरस की तरह सिस्टम में अपनी कॉपी तो क्रिएट नहीं कर सकते है लेकिन यह सिस्टम में किसी भी तरह के वायरस को एक्सेस कर देता है।
ट्रोजन किसी भी डिवाइस की पर्सनल इन्फोर्मशन को या लॉगिन डीटेल्स को किसी थर्ड- पार्टी के साथ शेयर कर सकता है। और सिस्टम को वही पर लॉक कर सकता है।
Hacking
इस तरह के अटैक में हैकर किसी भी डिवाइस की पर्सनल इनफार्मेशन को चुरा सकता है बिना यूजर की अनुमति के और चुराई हुई इनफार्मेशन से हैकर किसी भी तरह की मांग कर सकता है। यूजर के मांग पूरा न करने पर हैकर उसकी पर्सनल डीटेल का गलत फायदा भी उठा सकता है।
Identity theft
इस तरह के अटैक आजकल बहुत ही ज्यादा दिखाई दे रहे है। क्युकी डिजिटल दुनिया में हर एक आदमी अपने पैसो का लेन देन ऑनलाइन ही करता है
जिसके लिए वो Google pay जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का चुनाव करता है। इस तरह की लेन देन में यूजर की बहुत सी इनफार्मेशन इंटरनेट पर मौजूद होती है।
जिसका फायदा उठाकर बहुत से हैकर्स यूजर के बैंक अकाउंट को खली कर देते है। और यूजर को आर्थिक हानि का सामना करना पड़ता है और इंटरनेट पर हुए इस फ्रॉड का यूजर के पास कोई भी साबुत नहीं रहता है।
Ransomeware
यह एक तरह का हैकर के द्वारा बनाया हुआ वायरस होता है जिसे हैकर अपने हैक किया जाने वाले सिस्टम में भेजते है। और उसके सारे पर्सनल डाटा को अपने पास एक्सेस कर लेते है। उसके डाटा को तभी रिलीज़ करता है जब हैकर की मांग को पूरा किया जाता है मांग में हैकर कुछ भी मांग सकता है।
Stalking
इस तरह के अटैक बहुत से टीनएजर्स के साथ होते देखे जाते है क्युकी यह क्राइम सोशल मीडिया के जरिये किये जाते है। हैकर उनकी पर्सनल चैट्स या फोटोज को चोरी कर यूजर को परेशान करना शुरू कर देते है।
ज्यादातर teenagr को इंटरनेट का ज्यादा ज्ञान न होने के कारण वो इसमें फसता चला जाता है और किसी से कोई बात शेयर भी नहीं कर पाता जिसकी वजह से उसकी जिंदगी और भी ज्यादा दर्दनाक हो जाती है। क्रिप्टोकोर्रेंसी
Malicious Software
इस तरह के अटैक से हैकर को न सिर्फ यूजर की पर्सनल जानकारी मिलती है बल्कि उसका पूरा अधिकार उसके द्वारा हैक किया गए सिस्टम पर हो जाता है
एक बार सिस्टम के हैक हो जाने के बाद में सब कुछ हैकर के हाथ में आ जाता है अब जब चाहे जोनसी चाहे हैकर उस फाइल को डिलीट कर सकता है।
इस तरह की अटैक को यूजर के पास सॉफ्टवेयर के जरिये भेजा जाता है। यह सॉफ्टवेयर Malware, Spyware, और वर्म्स।
इस तरह के अटैक को हैकर ज्यादार किसी लिंक के जरिये या फिर ईमेल के जरिये यूजर तक पहुंचते है। लुभावना डिज़ाइन होने के कारण यूजर उसके ऊपर क्लिक कर देता है। और हैकिंग का होकर हो जाता है।
Phishing
इस तरह का अटैक करने के लिए हैकर किसी भी संस्था या बैंक के नाम का इस्तमाल करके यूजर के पास एक ईमेल को भेजता है। जो देखने में बिकुल सामन्य लगती है
लगता है की बैंक हमसे हमारी कुछ डिटेल्स चाहता है लेकिन असल में आप जब उस ईमेल में अपनी डिटेल को सेंड करते है तो आप हैकर के जाल में फास जाते है और हैकर आपको आर्थिक नुकसान पहुंचने में कामयाब हो जाता है।
Denial Of Service
Denial of Service का मुख्य उदेश्य किसी भी वेबसाइट को हानि पहुंचना होता है इसके लिए वह सीधा वेबसाइट के ट्राफिक को टारगेट करता है
वेबसाइट का ट्राफिक एक बार बड़ा कर वो उसे एकदम से निचे गिरा देता है जिसके कारन वेबसाइट अपने पहले जैसे लेवल पर काम करने में सक्ष्म नहीं होती। और यूजर की आइडेंटिटी को लॉगिन नहीं कर पाती ।
Salami Slicing
इस तरह के अटैक को हैकर बड़े ही छोटे रूप से शुरुवात करते है और बहुत बड़े अटैक को अंजाम तक पहुंचा देते है।
हैकर्स यूजर की बैंक अकाउंट की जानकारी का इस्तमाल करके बहुत ही छोटी मात्रा में उसके बैंक से पैसे उड़ा लेते है जिसे पता लगने पर यूजर को ज्यादा दुःख भी है पहुँचता लेकिन ऐसी करके हैकर एक बहुत बड़ा अटैक कर जाते है और किसी को शक तक नहीं होता।
जैसे आपको बिलकुल भी फर्क नहीं पड़ेगा अगर आपके बैंक से 1 रुपय काट लिया जाए लेकिन वही एक रुपय अगर 130 करोड़ आदमी के बैंक से काटा जाये तो हैकर को तो बहुत ही ज्यादा फायदा हो जायेगा।
Conclusion
आज की पोस्ट में हमने जाना की Cyber-Security क्या होती है और cyber-Crime को हैकर्स कैसे अजनाम देते है और इसकी मदद से वो कैसे एक कंप्यूटर को एक्सेस कर लेते है।
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