Grey Market क्या है आईपीओ में GMP की पूरी जानकारी_1

grey market kya hai : अगर आप शेयर बाजार से ताल्लुकात रखते है तो आप IPO में जरूर निवेश करते होंगे लेकिन किसी भी आईपीओ के return का अनुमान उसके GMP से लगाया जाता है लेकिन बहुत से लोगो को GMP के बारे में जानकारी नहीं है अगर आप GMP (grey market premium ) के बारे में पूरी जानकारी जानना चाहते है तो इस ब्लॉगपोस्ट को अंत तक जरूर पढ़े.

आज की पोस्ट में हम GMP क्या है यह कैसे काम करता है आईपीओ के return का अनुमान कैसे लगाए, इसकी गणना कैसे की जाती है एवं इसके फायदे और नुक्सान क्या है के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करेंगे

अगर आप शेयर बाजार से अच्छे पैसे कमाना चाहते है तो आपको इस बाजार के हरेक टर्म की जानकारी होना बेहद ही जरूरी है अगर आप बिना जानकारी के इसमें निवेश की शुरुआत करेंगे तो आप अपना नुक्सान कर सकते है ग्रे मार्किट मार्किट भी इन्ही में से एक है निचे आप जानेंगे की ग्रे मार्किट क्या है

IPO में ग्रे मार्किट क्या है ( Grey market premium In hindi )

IPO में Grey market premium बहुत अहम भूमिका निभाता है इसे Short-form में GMP कहा जाता है ज़ब भी कोई कंपनी स्टॉक मार्किट में लिस्ट होने से पहले IPO जारी करती है

आईपीओ जारी होने के बाद निवेशक निवेशक shares को Primary और Secondry मार्किट में buy और sell करते है लेकिन ज़ब वह शेयर बाजार के बाहर के बाहर buy और sell किया जाता है तो उसे Grey Market Premium कहा जाता है

इसे हम और अच्छे तरिके से उदाहरण सहित समझते है मन लेते है एक कंपनी ने आईपीओ को जारी किया है जिसका इश्यू प्राइस 1000 ₹ है लेकिन इसका GMP 150 ₹ है तो इन्वेस्टर अगर उस आईपीओ को ग्रे मार्किट से खरीदना चाहते है तो उसे 1150₹ चुकाने होंगे GMP को देखकर यह अनुमान लगाया जाता है की आईपीओ लिस्टिंग के दौरान कैसी प्रतिकिर्या देने वाला है

ग्रे मार्किट क्या है (What is grey market in hindi )

Grey Market

ज़ब भी shares को ट्रेड किया जाता है तो वह सिर्फ दो मार्किट प्राइमरी और Secondry market में किया जाता है जो की कानूनी रूप से बिलकुल सही है आईपीओ में जारी किये गए shares prima market में ट्रेड किये जाते है लेकिन स्टॉक एक्सचेंज में Secondry market में shares को ट्रेड किया जाता है

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IPO में ग्रे मार्किट के फायदे (Advantage of Grey market in IPO )

. निवेशक किसी भी आईपीओ में अप्लाई के पहले ही ग्रे मार्किट से उसकी लिस्टिंग का अंदाजा लगाकर अच्छा मुनाफा कमा सकते है

. किसी भी नई कंपनी के लिए आईपीओ बहुत बढ़िया साधन है जिसके कारण वह कंपनी ग्रे मार्किट से अपने बिज़नेस को आगे बढ़ाने के लिए इन्वेस्टमेंट उठा सकती है

. ग्रे मार्किट जरिकर्ता और निवेशक को सार्वजनिक होने से पहले शेयर की क़ीमत और मूल्यांकन की अनुमति आंकड़े प्रदान करता है

. ज़्यादातर निवेशक अच्छे ग्रे मार्किट के कारण कंपनी में इन्वेस्टमेंट करते है इसलिए आईपीओ का अच्छा ग्रे मार्किट होने के कारण उसमें ज्यादस निवेश किया जाता है

GMP कैसे काम करता है

लेख को पढ़ने के बाद आपको इतना तो ज्ञात हो गया होगा की यह मार्किट अनओफ्फिकल है जिसमें सेबी के क़ानून को follow नहीं किया जाता है तो चलिए अब जानते है की यह ग्रे मार्किट कैसे काम करता है,

. पहले इन्वेस्टर IPO के द्वारा किसी कंपनी के shares के लिए आवेदन करता है यहां पर इन्वेस्टर वित्तीय जोखिम उठाता है पहला यह की उन्हें कोई शेयर आवंटित नहीं किया जा सकता है या वे शेयर प्राप्त कर सकते है लेकिन शेयर जारी क़ीमत से निचे लिस्ट हो सकते है ऐसी निवेशकों को seller कहा जाता है

. इसके आलावा कुछ लोग ऐसी भी होते है जो यह सोचते है की शेयर का मूल्य उसके जारी क़ीमत से अधिक है और शेयर अच्छी क़ीमत पर लिस्ट होंगे इसलिए वे IPO अलॉटमेंट होने से पहले ही डीलर से इन shares को खरीदते है ऐसी निवेशकों को Buyers कहा जाता है

. जो भी आईपीओ को खरीदने के इच्छुक होते है वह ग्रे मार्किट डीलर से सम्पर्क करके एक निश्चित प्रीमियम पर आईपीओ को खरीदने का आर्डर देते है इसके बाद डीलर सेलर्स से सम्पर्क करता है उनसे पूछता है क्या वह इस समय प्रीमियम को बेचने को त्यार है डीलर वह प्रीमियम ऑफर करता है जो Buyers ने उसे दिया था.

. यदि seller स्टॉक एक्सचेंज लिस्टिंग का risk लेने के लिए त्यार नहीं है वे प्रीमियम पसंद करते है तो वे seller मार्किट डीलर को IPO बेच देते है

. अब ग्रे मार्किट डीलर seller से एप्लीकेशन डिटेल्स प्राप्त करता है Buyers को नोटिफिकेशन भेजता है की उसने ग्रे मार्किट में seller से एक निश्चित संख्या में शेयर खरीदे है

. Allotment पूरा होजाने के बाद seller शेयर Allotment प्राप्त कर सकते है या नहीं भी. यदि शेयर अलॉटमेंट नहीं होते है तो Buyers और Sellers के बिच सौदा वही रद्द हो जाता है

. यदि निवेशक को शेयर Allotment हो जाते है तो Buyers डीलर के माध्यम से seller को एक निश्चित क़ीमत पर शेयर बेचने को कहता है, या डीलर shares को किसी Demat Account में भी ट्रांसफर कर सकता है

. ज़ब अंत में वह shares sell हो जाते है तो ग्रे मार्किट डीलर दोनों पक्षों को सेटलमेंट कर देता है

इस पुरे प्रोसेस को follow करके Grey Market का करता है यहां पर shares seller डीलर के भरोसे करवाए जाते है, यदि कोई भी पक्ष अपने वादे से मुकर जाता है तो उस पर कोई भी लीगल एक्शन नहीं लिया जा सकता है क्युकी ग्रे मार्किट गेर-कानूनी है

IPO में ग्रे मार्किट के नुक्सान (DisAdvantage of grey market in IPO)

. grey market premium अवैध है इसलिए इसका अनुमान हमेशा सही नहीं होता है

. grey market में किसी भी तरह का कोई क़ानून नहीं है इसलिए यहां निवेश जोखिम भरा है

. ग्रे मार्किट पर सेबी के कोई नियम लागु नहीं होते इसलिए इसमें आप अपनी इन्वेस्टमेंट गवा सकते है

. grey market में कोई भी लिखितम नहीं होती है इसलिए कोई भी party कभी भी अपनी बात से मुकर सकती है

# ग्रे मार्किट ट्रेडिंग क्यों की जाती है ?

ज़ब भी कोई नया आईपीओ मार्किट में लॉन्च के लिए त्यार होता है तो पहले ही उसकी ग्रे मार्किट में ट्रेडिंग शुरु कर दी जाती है लेकिन बहुत से लोगो के मन में ये सवाल होता है की आख़िरकार ग्रे मार्किट में shares की ट्रेडिंग क्यों की जाती है

देखिये ग्रे मार्किट में ट्रेडिंग करने का मुख्य उद्देश्य कंपनी के स्टॉक की लिस्टिंग का अंदाजा लगाकर ज्यादा से जुडा Profit कमाना होता है ज़ब कोई कंपनी अपना आईपीओ लाती है अगर किसी Buyer को यह लगता है की लिस्टिंग के बाद कंपनी का शेयर प्राइस ऊपर जायेगा तो वह पहले ही उस कंपनी के shares को buy कर लेता है

वह दूसरी तरफ अगर किसी इन्वेस्टर में नुक्सान सहन करने की शमता नहीं है और वह आईपीओ के लॉन्च से पहले ही अपने shares को बेचकर exit करना चाहता है तो वह भी ग्रे मार्किट में कर सकता है हालांकि ग्रे मार्किट इललीगल नहीं है लेकिन Sebi के द्वारा अभी इस मार्किट के लिए कोई क़ानून नहीं बनाये गए है

# क्या हमें आईपीओ में अप्लाई करने पहले GMP को देखना चाहिए

दोस्तों यह सवाल हर एक इन्वेस्टर के मन में जरूर आता होगा की क्या हमें भी आईपीओ में अप्लाई करने से पहले GMP को देखना चाहिए

यह निर्भर करता है की आप कंपनी में सिर्फ Listing Gain के लिए invest करना चाहते है या फिर आप कंपनी में Long-term के लिए इन्वेस्टमेंट करना चाहते है अगर आप किसी भी कंपनी से जल्दी profit बुक करके निकलना चाहते है तो आपको GMP जरूर देखना चाहिए आमतौर पर तो इसका कंपनी से कोई मेल नहीं है लेकिन इस से हम कंपनी के लिस्टिंग की जानकारी जरूर जान सकते है

लेकिन वही अगर आपको उस कंपनी में सिर्फ long-term के लिए इन्वेस्टमेंट करना चाहते है तो आपको GMP, Kostak Rate etc. देखने की कोई जरूरत नहीं है इसके विपरीत आप कंपनी के Fundamental, P/L, etc. को देख सकते है क्युकी आपको कंपनी में लम्बे समय के लिए टिके रहना है

Kostak Rate क्या है

यदि कोई निवेशक आईपीओ के लिए आवेदन करता है लेकिन वह आईपीओ में शेयर खरीदकर जोखिम नहीं उठाना चाहता है तो वह अपने आवेदन को ग्रे मार्किट में Kostak rate पर बेचकर लाभ कमा सकता है.

FAQ :

GMP फुल फॉर्म क्या है ?

Gery Market Premium

ग्रे मार्किट प्रीमियम क्या होता है ?

grey market प्रीमियम का मतलब उन सेवाओं या उत्पादों की कीमतों में अंतर से है जो आधिकारिक बाजार में उपलब्ध नहीं है लेकिन जो ग्रे मार्किट या काले बाजार में उपलब्ध है

क्या ग्रे मार्किट प्रीमियम विश्वसनीय है ?

यहां पर किसी तरह के क़ानून मान्य नहीं है इसलिए यह मार्किट विश्वसनीय नहीं है

Conclusion

आज की ब्लॉगपोस्ट में हमने grey market GMP के बारे में जानकारी प्राप्त की है अगर आपको यह पोस्ट मददगार लगी हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करे. में उम्मीद करता हूँ की आपको यह ब्लॉगपोस्ट पढ़ने के बाद GMP से संबंधित कोई और पोस्ट पढ़ने की जरूरत नहीं पड़ेगी अगर आपको इस पोस्ट में किसी तरह की कोई कमी नज़र आती है तो हमें कमेंट में जरूर बताये अगर आपको शेयर मार्किट, इन्वेस्टमेंट एवं टेक्नोलॉजी से रिलेटेड जानकारी पढना पसंद है तो so हमें सोशल मीडिया पर follow जरूर करे

मैं Securehindi का founder हूँ मैं BCA का student हूँ इसीलिए मैं इस ब्लॉग के माध्यम से हर भारतीय तक इन्वेस्टमेंट, ब्लॉकचैन, Crypto, की जानकारी को हिंदी मैं पहुंचना चाहता हूँ अगर आप इन सब के बारे में जानने के लिए इच्छुक है तो हमें अभी फॉलो करे

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