Liabilities क्या होती है Liabilities Meaning in hindi_2024

Liabilities Kya Hai : अगर आप भी Liabilities और Assets मे फर्क नहीं कर पाते तो आप बिल्कुल सही जगह पर आए हैं आज के इस लेख में हम Liabilities के बारे में संपूर्ण जानकारी जानेंगे शेयर बाजार में किसी भी कंपनी का Fundamental Analysis करते वक्त उस कंपनी की Liabilities के ऊपर विशेष ध्यान देना चाहिए

क्योंकि यदि किसी कंपनी की लायबिलिटी ज्यादा होगी तो उसे कंपनी पर उतना ज्यादा कर्ज होगा और वह कंपनी आने वाले समय में अच्छा रिटर्न नहीं दे पाएगी आप लायबिलिटी की कैसे पहचान कर सकते हैं Liabilities क्या होती है कितने प्रकार की होती है कैसे समझे आज के इस लेख मे हम लायबिलिटी के बारे में संपूर्ण जानकारी जानने वाले हैं इसलिए लेख को अंत तक जरूर पढ़ें

लायबिलिटी क्या है ( Liabilities Kya Hai )

लायबिलिटी का अर्थ ” दायित्व ” यदि किसी कंपनी को किसी भी तरह का कोई कर्ज चुकाना है या फिर हर महीने उसे कोई Tax, Expense, Salary etc. Pay करनी होती है तो वह लायबिलिटी कहलाता है

आमतौर पर लायबिलिटी को कई उदाहरण के साथ समझा जा सकता है लेकिन एक इंसान के लिए लायबिलिटी वह होती है जो उसकी जेब से पैसे निकलवती है

मान लेते है की Ashu के पास ₹500000 हैं जिनसे वह नई कार एवं नया घर ले लेता है अब यह दोनों Ashu के लिए लायबिलिटी का काम करेंगी क्योंकि कर को मेंटेन करने के लिए उसे पर महीने में पैसे खर्च करने पड़ेंगे एवं घर की मरम्मत के लिए भी Ashu को पैसे का खर्च करना पड़ेगा इसलिए यह दोनों खर्च उसके लिए लायबिलिटी का काम करेंगे

अगर इन्हीं पैसों को Ashu किसी स्टॉक या म्यूचुअल फंड में इनवेस्ट करता तो यह उसके लिए एक Assets का काम करती है जो उसे Monthly Income बना कर देती

liabilities Meaning in hindi

यदि XYZ कंपनी अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए बैंक से कुछ समय के लिए लोन लेती है तो उस लोन की EMI कंपनी को हर महीने Pay करनी पड़ती है या फिर किसी निजी खर्चे के लिए कंपनी को सिर्फ कुछ ही समय के लिए पैसों की जरूरत पड़ती है तो वह Short-term मैं पैसे बाजार से उधार लेती है

जिस कंपनी को आसान किस्तों में चुकाना होता है सभी लोन की किस्ते या फिर कोई भी कर्ज लायबिलिटी कल आता है यह किसी भी प्रकार का हो सकता है जैसे लोन की किस्तें, सैलरी, एक्सपेंस आदि

लायबिलिटी के प्रकार ( Types of Liability )

आमतौर पर लायबिलिटी के दो मुख्य भागों में विभाजित किया गया है

Liabilities kya hai

Current Liabilities :

Current Liabilities मतलब आपको कम समय में किसी कार्ज को चुकाना होता है जैसे यदि आप किसी कंपनी के मालिक हो और उस कंपनी के किसी निजी खर्चों के लिए आपको कम समय के लिए कर्ज लेना पड़ता है तो वह करंट लायबिलिटी कहलाता है

आमतौर पर इस शॉर्ट टर्म लायबिलिटी भी कहा जाता है लेकिन बहुत बार कम समय के लिए उठाए गए कर्ज पर बहुत ज्यादा ब्याज देना पड़ता है यदि आप किसी कंपनी में निवेश करते हैं तो उसे कंपनी की बैलेंस शीट में आपको करंट लायबिलिटी का ऑप्शन दिखाई देगा उसे ऑप्शन में दिखाया गया कर्ज शॉर्ट टर्म के लिए होता है

Non-Current Liabilities :

Non – Current Liabilities Current Liabilities के बिल्कुल विपरीत काम करती हैं करंट लायबिलिटी को आपको 1 वर्ष या बिल्कुल कम समय में चुकाना होता है

लेकिन वही non-current लायबिलिटी को आप 5 वर्ष या इससे भी ज्यादा समय में चुका सकते हैं मान लेते हैं कि आप किसी कंपनी के मालिक को और उसे कंपनी के किसी कार्य के लिए 5 साल या 10 साल के लिए कोई लोन लेते हैं तो वह आपकी non-current लायबिलिटी में आता है

निष्कर्ष

यदि आप किसी कंपनी मे निवेश करने के इच्छुक है तो आपको उस कंपनी के Fundamentals पर जरूर ध्यान देना चाहिए नहीं तो आप उस स्टॉक मे फस भी सकते है यदि किसी कंपनी की जड़े मजबूत होंगी तो अगर किसी स्थिति मे स्टॉक का Price निचे नहीं जाता है तो आप बिना डरे उसमें डटे रह सकते है

इसलिए किसी भी कंपनी मे निवेश करने पहले आपको उसकी Assets एवं Liabilities पर जरूर ध्यान देना चाहिए ताकि आप उसमे एक अच्छा return बना सके मैं उम्मीद करता हु की आपको आज की यह पोस्ट पढ़ने के बाद liabilities के बारे मे पूरा ज्ञान हो गया होगा

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